SAD SHAYARI
झूठे लोगो पर शायरी - झूठ फरेब शायरी
अच्छा हुआ बड़ी जल्दी बदल गए तुम , वर्ना मेरी उम्मीद बढती जा रही थी
हम बने थे तबाह होने के लिए...,, तेरा मिलना तो एक बहाना था...,,
सुना है बड़ी महफिल सजा रहे हो
लगता है फिर से किसी को तबाह कर
रहे हो
नशे की आदत....
तेरी आँखों ने लगायी है...।। वरना हम भी कभी होश में.... जिया करते थे....।
ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है साथ,
कुछ मजबूरियां इश्क से भी ज्यादा गहरी होती हैं..
वादों की तरह इश्क भी आधा रहा, मुलाकातें कम रही इंतजार ज्यादा रहा।
जी लेता मै भी ,
अगर तुम पर ना मरता।
काश तुमने ज़रूरी समझा होता,
ज़रुरत नहीं।
वक्त के हिसाब से आदत बदल ली मैंने, बुरा कल भी नहीं था, अच्छा आज भी नहीं हूँ
जो जाहिर करना पड़े वो दर्द कैसा, और जो दर्द न समझ सके वो हमदर्द कैसा.....
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