SAD SHAYARI 

sad shayari झूठे लोगो पर शायरी - झूठ फरेब शायरी

ना जख्म भरे ना शराब सहारा हुई ..! ना तुम लौटे ना मोहब्बत दोबारा हुई..

छोड़ दिया अब अपनो से दिल की बात करना वो समझते कम थे मजाक ज्यादा उड़ाते थे..!

सुना है..! मुझे भुलाने की कोशिश में हो .. मेरी दुआ है की खुदा तुम्हे कामयाब करे..!

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तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना है तुम्हारी सो के गुजरती है हमारी रो के गुजरती है।

वक्त की तरह निकल गया वो, नजदीक से भी और तकदीर से भी..!

कहीं जीत तो कहीं हार के निशान हैं, कौन जाने, हम कितने दिन के मेहमान हैं।

कभी सोचा न था इतनी जल्दी खत्म कर दोगे रिश्ता हमसे, मिले तो यूं थे जैसे सदियों साथ निभाओगे।

बड़ी अजीब होती हैं ये यादें कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं।

अच्छी थी कहानी मगर अधूरी रह गई, इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई…

हमेशा याद रहेगा ये दौर हमको,, क्या खूब तरसे जिंदगी में एक शख्स के लिए.!!

जहां दिल भर जाते हैं वहां बहाने मिल जाते हैं..!

सुना है.. तारीफों के पुल के नीचे, अक्सर मतलब की नदियां बहती हैं...!