SAD SHAYARI
sad shayari झूठे लोगो पर शायरी - झूठ फरेब शायरी
सुना है.. तारीफों के पुल के नीचे, अक्सर मतलब की नदियां बहती हैं...!
तमाशा बन गई जिंदगी, कुछ कहे तो भी बुरे और, कुछ ना कहें तो भी बुरे ...
क्या क्या नही किया तेरी
एक मुस्कान के लिए...!
फिर भी अकेला छोड़ दिया
सिर्फ एक अनजान के लिए...!!
इतने भी बुरे नहीं थे हम
जितना बुरा तुमने हमारे साथ किया....
कभी वक्त मिले तो
सोचना जरुर...
वक्त और प्यार के अलावा तुमसे माँगा ही क्या था..!
गुनाह मालूम नही…!!! पर सजा लाज़वाब मिली है..!!!
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे, हुई थी
मोहब्बत, मगर जिससे हुई
हम उसके काबिल न थे,,,
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए, ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता !!
बड़ी अजीब होती हैं ये यादें कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं।
"अक्सर लोगों की वफ़ा तब तक होती है,
जब तक कोई मतलब होता है !!"
"अजीब लड़की थी वो, जिन्दगी बदलकर खुद भी बदल गयी !!"
"जिनकी फितरत में हो धोखा देना,
वो लोग चाहकर भी बदल नहीं सकते !!"
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