SAD SHAYARI

sad shayari झूठे लोगो पर शायरी - झूठ फरेब शायरी

ना जख्म भरे ना शराब सहारा हुई ..! ना तुम लौटे ना मोहब्बत दोबारा हुई..

कहां मिलेगा तुम्हें मेरे जैसा शख्स, जो दूर रहकर भी तुम्हारी इतनी परवाह करता है ..!

ना जख्म भरे ना शराब सहारा हुई ..! ना तुम लौटे ना मोहब्बत दोबारा हुई..

ना जख्म भरे ना शराब सहारा हुई ..! ना तुम लौटे ना मोहब्बत दोबारा हुई..

ये मोहब्बत का गणित है यारों यहाँ दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचता !!

ये मोहब्बत का गणित है यारों यहाँ दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचता !!

वो लोग किस दर्द से गुजरे होंगे, जिनके हमदर्द अपने वादों से मुकरे होंगे !!

दोष कांटो का कहाँ, हमारा है जनाब पैर हमने रखा वो तो अपनी जगह पर थे !!

सुना है.. तारीफों के पुल के नीचे, अक्सर मतलब की नदियां बहती हैं...!

ना कोई मंजिल है ना कोई किनारा है, ना हम किसी के ना कोई हमारा है..!!

खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए, ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता !!