बेवफा शायरी

sad shayari झूठे लोगो पर शायरी - झूठ फरेब शायरी

सुना है.. तारीफों के पुल के नीचे, अक्सर मतलब की नदियां बहती हैं...!

ये मोहब्बत का गणित है यारों यहाँ दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचता !!

गुनाह मालूम नही…!!! पर सजा लाज़वाब मिली है..!!!

शायद अब लौट ना पाऊं कभी खुशियों के बाजार में, गम ने ऊंची बोली लगाकर खरीद लिया है मुझे…

"उन्हें इश्क़ हुआ था, मुझे आज भी है !!"

आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं, हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं..

बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे, इक शहर अब इनका भी होना चाहिए…

तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा

"कितने दर्दनाक थे वो मंज़र, जब हम बिछड़े थे,   उसने कहा था जीना भी नहीं और रोना भी नहीं !!"

वक्त की तरह निकल गया वो, नजदीक से भी और तकदीर से भी..!

"अच्छा सुनो मुझे बस इतना बता दो,   इंतजार करू या बदल जाऊ तुम्हारी तरह !!"