SAD SHAYARI 

sad shayari झूठे लोगो पर शायरी - झूठ फरेब शायरी

सुना है.. तारीफों के पुल के नीचे, अक्सर मतलब की नदियां बहती हैं...!

जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना, बहुत तङपाते है अक्सर सीने से लगाने वाले।

 कोई किसी का खास नहीं होता लोग तभी याद करते हैं जब टाइम पास नहीं होता

 सितारो को रोशनी की क्या ज़रूरत, ये तो खुद को जला लेते हे, आशिक़ो को वफ़ा की क्या ज़रूरत, वो तो बेवफा को भी प्यार कर लेते हे।

दिल जब गैरों से लग जाए तो अपनों में कमी नजर आने लगती हैं

माँगा था थोड़ा सा उजाला जिंदगी में, पर जिनसे मोहब्बत करी उसने तो आग ही लगा दी।

बात करने को तरसा हूं, आवाज़ सुनने को तरसोगी..!!

बस एक ही बात ने मुझे रुला दिया, किसी गैर के लिए तुमने मुझे भुला दिया...!!

ऐ मोहब्बत तू शर्म से डूब मर, तू एक शख्स को मेरा ना कर सकी..!!

तुम तो डर गये हमारी एक ही कसम से, हमे तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लूटा है..!!

गुनाह मालूम नही…!!! पर सजा लाज़वाब मिली है..!!!