SAD SHAYARI
जिंदगी तो कट ही जाती है,
बस यही एक जिंदगी भर
गम रहेगा की हम उसे ना पा सके।
मोहब्बत है या नशा था जो भी था कमाल का था
रूह तक उतारते उतारते जिस्म को खोखला कर गया
तुम मुझे जितनी इज़्ज़त दे सकते थे दे दी अब तुम देखो मेरा सबर और मेरी ख़ामोशी
कहाँ मिलता है अब कोई समझने वाला जोभी मिलता है समझा के चला जाता है
किसी को कितना भी प्यार दे दो आखिर में उसे थोड़ा कम ही लगता है
मुझे भी याद रखना जब लिखो तारीख वफ़ा की मैंने भी लुटाया है मोहब्बत मैं सकूँ अपना
खुदा ने किस्मत में साँसे लिखी थी
इंसानो ने रोक दी
ज़ख़्म दे कर ना पूछ तू मेरे दर्द की शिद्दत दर तो फिर दर्द है काम क्या ज्यादा क्या
हाँ याद आया इसके आखरी अलफ़ाज़ ये थे अगर जी सको तो जी लेना अगर मर जाओ तो अच्छा है
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए
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