दर्द भरी बेवफा शायरी, sad shayari झूठे लोगो पर शायरी - झूठ फरेब शायरी 

मुझे किस्मत से शिकवा तो नहीं लेकिन ऐ खुदा, वो ज़िन्दगी में क्यों आया जो किस्मत में नहीं था।

मोहब्बत हार के जीना बहुत मुश्किल होता है, उसे बस इतना बता देना भरम तोड़ा नहीं करते।

गुजरती बेक़रारी में न कम कर उम्र फिर सारी, कि हम भूले से कर बैठे मोहब्बत एक बेदिल से।

जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें, उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।

बुला रहा है कौन मुझको उस तरफ, मेरे लिए भी क्या कोई उदास बेक़रार है।

वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल, उदास करती हैं मुझ को निशानियाँ तेरी।

वह मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं, काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।

दिल को बुझाने का बहाना कोई दरकार तो था, दुःख तो ये है तेरे दामन ने हवायें दी हैं।

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी, फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी।

देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ, हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।