SAD SHAYARI
sad shayari झूठे लोगो पर शायरी - झूठ फरेब शायरी
ZAKHMI DIL SHAYARI
कहीं जीत तो कहीं हार के निशान हैं, कौन जाने, हम कितने दिन के मेहमान हैं।
कभी वक्त मिले तो सोचना जरुर... वक्त और प्यार के अलावा तुमसे माँगा ही क्या था..!
अच्छा हुआ बड़ी जल्दी बदल गए तुम वरना मेरी उम्मीद बढती ही जा रही थी..!!
इतने भी बुरे नहीं थे हम
जितना बुरा तुमने हमारे साथ किया.....
हमेशा याद रहेगा ये दौर हमको,, क्या खूब तरसे जिंदगी में एक शख्स के लिए.!!
बड़ी अजीब होती हैं ये यादें कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं।
वक्त की तरह निकल गया वो, नजदीक से भी और तकदीर से भी..!
उम्र कम थी और
इश्क बेहिसाब हो गया,
उम्र बढ़ती गई और ये
रोग लाइलाज हो गया।।
शायद अब लौट ना पाऊं कभी खुशियों के बाजार में, गम ने ऊंची बोली लगाकर खरीद लिया है मुझे…
"अच्छा सुनो मुझे बस इतना बता दो, इंतजार करू या बदल जाऊ तुम्हारी तरह !!"
"जिनकी फितरत में हो धोखा देना, वो लोग चाहकर भी बदल नहीं सकते !!"
"अजीब लड़की थी वो, जिन्दगी बदलकर खुद भी बदल गयी !!"
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