चंगेज खान का जीवन वृत्त

 

1. चंगेज खान (तेमोजि-न) कौन था ?

चंगेज खान का जन्म सन् 1162 ई. में आधुनिक मंगोलिया के उत्तरीय भाग में ओनोन नदी के पास हुआ था। चंगेज खान का प्रारंभिक नाम “टेमोजिन” था। तथा चंगेज के पिता जी का नाम येसुजेई था जो कियात कबीले का मुखिया था। चंगेज का एक परिवार समूह था, और बोरजीगिद कुल से संबंधित था। चंगेज के पिता की हत्या अल्पायु में ही कर दी गई थी। उनकी माता  ओलुन ईके ने तेमुजीन और उसके सगे भाई और सौतेले भाइयों का पालन- पोषण किया था। फिर बाद में  तेमुजीन ने विभिन्न मंगोल और तर्क जनजातियों को एकजुट किया और मंगोल साम्राज्य की स्थापना की, जो बाद में इतिहास का सबसे बड़ा स्थलीय साम्राज्य बना। चंगेज जी के जीवन का  जीवन संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है।–

2.सत्ता की ओर बढ़ावा :

1117 का दशक विपर्यायो से भरा था।- तेमुजिन का अपहरण कर लिया गया था और उसके पत्नी बोरटे का भी विवाह के उपरांत अपहरण का लिया गया था। ओर अपनी पत्नी को चुदाने के लिए चंगेज को लड़ाई लड़नी पड़ी इस विपत्ति के समय में भी चंगेज अपने मित्र बनाने में सफल रहा, नवयुवक बोघूरचु चंगेज का प्रथम मित्र था। ओर सदैव उसके साथ रहा, ओर उसका सगा भाई जमुका भी उसका एक विश्वास कारी मित्र था।परंतु बाद में चंगेज ने अपने पिता वृद्ध सगे भाई तुगरिल उर्फ ओन खान के साथ पुराने रिश्ते की पुनःस्थापना की जिसके पश्चात उसका पुराना मित्र जमुका चंगेज का शत्रु बन गया। 1180 और 1190 के दशकों में तमुजिन ओंग खान का मित्र रहा हो मित्रता का  इस्तमाल करके  जमुका की हरा दिया गया जमुका को हराकर तमुजिन में काफी आत्म विश्वाश आ गया और बाद में वो अंत कबीलों से लड़ने के लिए निकल पड़ा इनमें से उसके पिता के हत्यारे शक्तिशाली ततार कैराईट और खुद ओंग खान  जिसके विरुद्ध उसने 1203 में युद्ध छेड़ा और 1206 में जमुका और  नेमन लोगों की पराजित कर के राजनीति में सबसे प्रभाव शाली व्यक्ति के रूप में उभरा  उस के बाद मंगोल कबीले के सरदारों ने एक सभा लगाई जिसमें चंगेज खान को “समुद्री खान”  और “मंगोलों का महानायक” घोषित कर दिया गया।

 

3. सैन्य उपलब्धियां:

चंगेज खान ने 1206 ई. में कुरीलताई से मान्यता लेने खा बाद मंगोल लोगों को एक सशक्त अनुशासित सैन्य शक्ति के रूप में पुनर्गठित कर लिया था। जिससे के बाद भविष्य के लिए सैन्य अभियान की सफलता मिली उसके बाद उन्होंने चीन देश पर विजय प्राप्त की। और अन्य कई देशों में उन्होंने विजय प्राप्त की जैसे- चीन, मध्य एशिया, फारस और यूरोप के कुछ हिस्सों पर इन्होंने विजय प्राप्त की। उनकी सेना रणनीति, तेज गति और क्रूरता के लिए बहुत प्रसिद्ध रही। फिर बाद में उन्होंने रेशम मार्ग पर नियंत्रण किया और व्यापार तथा संस्कृति आदान – प्रदान की बढ़ावा भी दिया।

 

4. चंगेज खान का शासन:

चंगेज खान का जीवन न केवल एक असाधारण सैन्य नेता और शासक के रूप में उनकी सफलता को दर्शाता है, बल्कि उनके द्वारा स्थापित मंगोल साम्राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत भी उजागर करता है। उन्होंने अपनी कठिन परिस्थितियों से उठकर पूरे मंगोल जनजातियों को एकजुट किया और इतिहास का सबसे बड़ा स्थलीय साम्राज्य खड़ा किया।

उनकी नेतृत्व क्षमता, सैन्य रणनीतियां, और शासन के प्रति उनका दृष्टिकोण उन्हें इतिहास के महानतम शासकों में शामिल करता है। हालांकि उनकी क्रूरता और आक्रामकता को लेकर आलोचना होती है, लेकिन उन्होंने व्यापार, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक संपर्कों को बढ़ावा देकर एशिया और यूरोप को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चंगेज खान ने कानून और शासन की एक बनाई जिसे “यासा” कहा जाता था। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता को प्रसाहित किया और व्यापार को भी बढ़ावा दिया गया।

 

5. चंगेज खान की मृत्यु:

टुकड़ी ने सुल्तान के पुत्र जलालुद्दीन का अफगानिस्तान और   सिंध प्रदेश तक पीछा किया । सिंधु नदी के तट पर चंगेज खान ने उत्तरीय भारत और  असम मार्ग से मंगोलिया वापस लौटने का विचार किया परन्तु उसके शमन निमित्ञ द्वारा दिये गए अशुभ संकेतों के  आभाष से उसे विचार बदलने की लिए  वाद्य किया जी जिसके बाद चंगेज खान  की मृत्यु सन् 1227 में हो गई थी। उनकी सैनिक उपलब्धियां नष्ट हो ने वाली थी। बहुत हद के बाद स्टेपी क्षेत्र की युद्ध शैली के बहुत से आयामों को परिवर्तन और सुधार करके  उसको प्रभावशाली रणनीति में बदल पाने का परिणाम था उनकी मृत्यु के बाद भी उनके उत्तराधिकारियों ने साम्राज्य को और विस्तारित किया।उनकी मृत्यु का स्थान और कारण आज भी रहस्य बने हुए है

  • निष्कर्ष:

    आज हमने क्या सीखा? आज हमने चंगेज के बारे में बहुत रोचक तत्व  जानकारी के बारे में जाना, आज जब हम चंगेज खान को याद करते हैं तो हमारी कल्पना में इसी तस्वीरे छाप जाती है, जैसे का एक विजेता, नगरों को ध्वस्त करने वाला और इसे व्यक्ति जो हजारों लोगों की मृत्यु का उत्तरदाई है। तेरहवीं शताब्दी के चीन , ईरान और पूर्वी यूरोप के नगरवासी टेस्पी के इन गिरोहों को भय और घृणा की दृष्टि से देखते थे फिर भी मंगोलों के लिए चंगेज खान अब तक का सबसे महान शासक था। उसने मंगोलों को संगठित किया, लंबे समय से चली आ रही क़बीलाई लड़ाइयों और चीनियों द्वारा शोषण से मुक्ति दिलवाई ओर साथ ही साथ उन्हें समृद्ध बनाया ये विचार हमे यह सोचने के लिए मजबूर करते है। की किस तरह से एक दृष्टि कोण अन्य पूरी तरह मिट देता है। आशा करता है आप सभी को मेरी जानकारी अच्छी लगा होगी धन्यवाद!

    FAQ,s

  • प्रश्न-1. चंगेज खान का शासन कब से तक रहा?

  • उत्तर- चंगेज खाना ने 1206 से 1217 ई. तक मंगोल साम्राज्य पर शासन किया।
  • प्रश्न-2. चंगेज खान के पिता जी का नाम किया था? तथा उनके पिता कहा के मुखिया थे?

  • उत्तर – चंगेज खान के पिता जी का नाम किसुजेई था। और उनके पिता जी कियात कबीले के मुखिया थे।
  • प्रश्न-3. चंगेज खान को मंगोलों का “सार्वभौम शासक ” घोषित कब किया गया?

  • उत्तर- 1206 में।
  • प्रश्न-4. तीन महान खानों का शासन कब से कब तक रहा ?

  • उत्तर- 1206 से 1260 तक।

 

 

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