नमस्कर दोस्तों! कैसे हो आप सभी आशा करता हूं सब ठीक होगे स्वागत है आप सभी का आज की मेरी इस पोस्ट में आज हम जानेंगे बालाघाट जिला के बारे में जो कि हमारे मध्य प्रदेश के जिलों में से एक हिस्सा है आज में आप सभी के सामने एक बहुत जबरदस्त जानकारी लेकर आया हु हम इस पोस्ट में बालाघाट जिला की पूरी जानकारी देखेंगे तो बने रहे बालाघाट की संपूर्ण जानकारी पाने के लिए बालाघाट जिले का गठन सन् 1867-1873 के दौरान भंडारा,मंडिया और सिवनी जिलों के कुछ हिस्सों को मिलकर किया गया था,बालाघाट जिला मध्य प्रदेश का एक खूबसूरती और सांस्कृतिक के रूप से समृद्ध जिला है, बालाघाट सतपुड़ा और मैकाल पर्वत श्रृंखला के बीच में स्थित है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, खनिज संपदा , और समृद्ध वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। बालाघाट जिला का नाम “बालाघाटी” नाम से लिया गया है।
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आइए हम बालाघाट की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओं के बारे में जानते है।
1.भौगौलिक स्थिति:
बालाघाट जिला मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है, जो छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्यों की सीमा पर भी स्थित है। मुख्यतः यह क्षेत्र मैकाल पर्वत श्रृंखला और सतपुड़ा के जंगलों से घिरा हुआ है।इस जिले में वैनगंगा और नर्मदा नदियों से ही जल आता है जल का सबसे महत्वपूर्ण योगदान वैनगंगा और नर्मदा नदिया ही देती हैं
2.प्राकृतिक सौंदर्य:
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान: यह राष्ट्रीय उद्यान बालाघाट और मंडला जिलों में फैला हुआ है, यह उद्यान बाधो की बड़ी आबादी के लिए प्रसिद्धि है, तथा कान्हा राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है। यहां पर कई प्रजातियों के जानवर देखने को मिलते है, जैसे- बारहसिंगा, रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, सुस्त भालू, और भारतीय जंगली कुत्ते आदि। कई प्रकार के जानवर देखने को मिलते है।
यहां के बैजली और अन्य जलप्रपात भी बहुत प्रसिद्ध है, बालाघाट के आसपास कई सुंदर-सुंदर झरने और घटिया स्थित है। जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। बालाघाट अपनी सागौन की लकड़ी ओर खनिजों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। भारत में 80% मैंगनीज बालाघाट की खदानों से आता है।बालाघाट जिले का लगभग 52% भाग वन क्षेत्र से घिरा हुआ है।
3.जनजाति संस्कृति :
बालाघाट जिला जनजाति आबादी वाला क्षेत्र है, जहां पर गोंड, बैगा, और अन्य कई प्रकार की जन्नतियां निवास करती है। यहां की संस्कृति ,पारंपरिक नृत्य, गीत और कला इस क्षेत्र की विशेष पहचान है। यहां के प्रमुख त्यौहार पोला और भगोरिया है
पोला त्यौहार को यहां के लोग बैलों का त्यौहार मनाते है, और भगोरिया त्यौहार को रंग बिरंगा पारंपरिक त्यौहार मनाते है
4. बालाघाट की जलवायु :
बालाघाट जिला की जलवायु यहां की गर्मियों के दिन (अप्रैल-जून) में गर्मियां अधिक गर्म और शुष्क होती है, जबकि (जुलाई-सितंबर) में मानसून के परिवर्तन से भरी वर्षा होती है, और सर्दियों के दिन (नवंबर-फरवरी) में ठंडी होने लगती है।
5. बालाघाट जिला में कितने विकासखंड है ?
बालाघाट जिला में 11 विकासखंड स्थित है, जिनके नाम जिचे दिए गए है। जरूर पढ़े!
1. बालाघाट
2. बैहर
3. बिरसा
4. परसवाड़ा
5. कटंगी
6. वर्षीवनी
7. लालबर्रा
8. खैरलांजी
9. लांजी
10. किरनापुर
11. तिरोड़ी
बालाघाट जिला में कितने गांव स्थित है?
बालाघाट जिला में कुल गांव की संख्या163 है।
निष्कर्ष:
आज हमने क्या सीखा आज हमने बालाघाट जिला के बारे में कुछ बहुत महत्वपूर्ण जानकारी के अध्ययन किया है। जिसमें हमें पता चला है कि बालाघाट प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध वन्यजीव और सांस्कृतिक धरोहरों का अद्भुत संगम है। यहां की शांत घटिया, हरे भरे जंगल, और वन्यजीव, जीवंत जनजातीय संस्कृति इसे पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए एक अनोखा स्थल बनाते है बालाघाट की यात्रा आप सभी को प्रकृति के करीब ले जाती है और इसे संरक्षित रखने का संदेश भी देती है।