हैलो नमस्कार दोस्तो! कैसे हो आशा हे आप सभी ठीक होगे आज आप सभी के बीच में एक ओर सबसे बड़ी जानकारी ले कर आया हु जो आप को आंध्र प्रदेश के बारे में परिचित करेगी तो आज हम जानेंगे आंध्र प्रदेश में कितने जिले है सभी जिलों की सूची आज आप के सामने होगी और आंध्र प्रदेश का इतिहास आप सभी के बीच में मैं होगा जिस से आप सभी आज आंध्र प्रदेश से परिचित हो जाओगे
Table of Contents
1.आंध्र प्रदेश के प्राचीन काल का इतिहास
History of Ancient Andhra Pradesh in Hindi- आंध्र प्रदेश का उल्लेख महाकाव्यों और प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। यह माना जाता है, कि आंध्र शब्द का उल्लेख महाभारत और पुराणों में हुआ है। यह क्षेत्र वैदिक काल से सभ्यता का केंद्र रहा है। यहां मौर्य, सातवाहन और इक्ष्वाकु जैसे महान राजवंशों का शासन रहा है। इस काल में सातवाहन साम्राज्य और बौद्ध धर्म और अमरावती ने बौद्ध धर्म को बहुत प्रसिद्ध किया और संरक्षण भी दिया
- सातवाहन साम्राज्य (230 ईसा पूर्व – 220 ईस्वी): सातवाहन राजवंश को आंध्र प्रदेश के इतिहास का एक प्रमुख हिस्सा माना जाता है। इनकी राजधानी अमरावती थी, जो अपने समय में बौद्ध धर्म का एक बड़ा केंद्र था
- बौद्ध धर्म और अमरावती: इस क्षेत्र ने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया और यहां कई स्तूप और विहार बनाए गए, जिनमें अमरावती स्तूप बहुत प्रसिद्ध है।
2. आंध्र प्रदेश का मध्यकालीन इतिहास
Medieval History of Andhra Pradesh in Hindi – काकतीय राजवंश और विजयनगर साम्राज्य मध्यकाल में आंध्र प्रदेश कई शक्तिशाली राजवंशों का गढ़ रहा।
- काकतीय राजवंश (12 वीं – 14 वीं शताब्दी): काकतियों का मुख्यालय वारंगल था। उन्होंने स्थापत्य कला में उत्कृष्ट योगदान दिया, यहां प्रमुख मंदिर वारंगल का किला और रामप्पा हैं।
- विजयनगर साम्राज्य: इस साम्राज्य का विस्तार आंध्र प्रदेश के बड़े हिस्से तक था। विजयनगर के शासकों ने तुंगभद्रा नदी के तट पर शानदार शहर बसाया, जो अब कर्नाटक में है।
मुगल और ब्रिटिश काल
मध्यकाल के बाद आंध्र प्रदेश में मुस्लिम सुलतानों और बाद में मुगलों का शासन रहा। मुगलों के कमजोर पड़ने के बाद यह क्षेत्र निजाम हैदराबाद के अधीन आ गया।
ब्रिटिश काल में यह क्षेत्र मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा बना। इस समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां कई आंदोलन हुए।
आधुनिक इतिहास
1947 में भारत की आजादी के बाद, आंध्र प्रदेश राज्य के गठन की मांग तेज हुई।
- 1953 में अलग आंध्र राज्य: आंध्र प्रदेश भारत का पहला राज्य बना जिसे भाषाई आधार पर बनाया गया।
- 1956 का पुनर्गठन: तेलुगु भाषी क्षेत्र हैदराबाद राज्य से अलग कर आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया।
तेलंगाना का गठन
2014 में, आंध्र प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को अलग कर तेलंगाना नामक नया राज्य बनाया गया। इस विभाजन के बाद, आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में अमरावती को विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया।
आंध्र प्रदेश में वर्तमान में 26 जिले हैं। ये जिले 4 अप्रैल 2022 को हुए पुनर्गठन के बाद अस्तित्व में आए। नीचे इन जिलों की सूची दी गई है:
1. श्रीकाकुलम क्षेत्र
- श्रीकाकुलम
- परबतियपुरम – मान्यम
- विजयनगरम
2. विशाखापत्तनम क्षेत्र
- विशाखापत्तनम
- आनाकापल्ले
- अल्लूरि सीताराम राजू
3. पूर्वी गोदावरी क्षेत्र
- काकीनाडा
- कोनसीमा
- राजमहेंद्रबर
4. पश्चिमी गोदावरी क्षेत्र
- एलुरु
- पश्चिम गोदावरी (भीमाबरम)
5. कृष्णा क्षेत्र
- कृष्णा (मछलीपट्टम)
- नदयाल
- पालनाडू (नर्सराबपेट)
6. गुंटूर क्षेत्र
- गुंटूर
- बापटल
7. प्रकाशन और नेल्लौर क्षेत्र
- प्रकाशन
- नेल्लौर
8. रॉयल सीमा क्षेत्र
- चित्तूर
- तिरुपति
- अनंतपुर
- श्री सत्यसांई
- कडप्पा (वाईएसआर जिला)
- नंदयाल
- कुरनूल
विशेष ध्यान दे!
आंध्र प्रदेश का यह पुनर्गठन प्रशासनिक कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया गया है। यदि आपको किसी विशेष जिले के बारे में जानकारी चाहिए, तो आप बता सकते हैं।
निष्कर्ष:
आंध्र प्रदेश का इतिहास न केवल इसके राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलावों का गवाह है, बल्कि यह भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को भी दर्शाता है। यहां की परंपराएं और ऐतिहासिक स्थल भारत की गौरवशाली विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं।
आपको यह जानकारी कैसी लगी? यदि किसी विशेष विषय पर गहराई से जानकारी चाहिए तो comment में जरूर कहे आप के लिए हर जानकारी मिलेगी धन्यवाद ! जय भीम 💙