1g, 2g, 3g, 4g 5g technology in hindi: G ka matlab kya hota hai मोबाइल सर्विस की पीढ़िया |

Mobile service generation – मोबाइल सेवा की पीढिया विभिन्न है। जैसे 1G, 2G, 3G, 4G, 5G, की पीढिया है। इसमें जी का मतलब है जेनरेशन अर्थात् पीढ़ी । आज के समय में आप इंटरनेट की उपयोगिता को तो समझ ही गए होगे और आप मोबाइल सेवा की पीढ़ियों के बारे में तो जरूर जानते होगे ।  आज के समय में हम मोबाइल सेवाओं की पीढ़ियों में बहुत आगे निकल गए है और कुछ ही समय बाद में हम 5जी का उपयोग भी करने लगेंगे । जबकि और अन्य देशों में 5जी की टेस्टिंग हो गई है । तो चलिए शुरु करते है |

MOBILE SERVICE GENERATION

1G network – यह मोबाइल नेटवर्क की सबसे पहली पीढ़ी थी। यह मोबाइल नेटवर्क सेवा 1981 में शुरू हुई थी 1जी मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से केवल वॉइस कॉलिंग और मैसेजिंग का ही उपयोग होता था और यह सेवा कुछ ही सीमित क्षेत्रों में सीमित थी। 1 जी नेटवर्क रेडियो संकेत एनालॉग सिग्नल पर आधारित तकनीक थी। 1जी तकनीक में मोबाइल फोन पर आवाज की क्वालिटी काफी खराब थी और यह बैटरी की खपत ज्यादा करता था 1जी तकनीक में 2.4 केबीपीएस तक की गति तक ही सीमित थी |

1जी तकनीक की कमिया – 
1. इसमें आवाज की क्वालिटी काफी खराब थी
2. 1जी नेटवर्क मोबाइल की बैटरी की खपत ज्यादा करता था।
3.इसमें उपयुक्त होने वाले हैंडसेट भारी-भरकम होते थे।
4.यह ज्यादा सिक्योर नेटवर्क नहीं था।
5.इसकी क्षमता कुछ ही दूरी तक सीमित थी।
2G नेटवर्क – यह मोबाइल नेटवर्क की दूसरी पीढ़ी है जो कि जीएसएम पर आधारित है 2G की सबसे पहले शुरुआत सन 1991 में रेडियोलिंजा द्वारा फिनलैंड में हुई थी। इस तकनीक में पहली बार डिजिटल सिग्नल का उपयोग किया गया था 2G नेटवर्क के माध्यम से फोन कॉल के अलावा पिक्चर मैसेज टेक्स्ट और मल्टीमीडिया मैसेज भी भेजे जाने लगी 2G नेटवर्क में वन जी नेटवर्क के मुकाबले बैटरी की खपत कम होती थी 2G नेटवर्क में मल्टीमीडिया तथा अन्य सेवाएं डाउनलोड और अपलोड करने की अधिकतम स्पीड 64 केबीपीएस तक थे इसके बाद बाजार में 2G नेटवर्क ही एडवांस वर्जन 2.5जी और  2.7जी भी  लांच हुए । जिसमें डाटा ट्रांसफर की गति और अधिक हो गई थी और साथ ही इसके ईमेल सेंड और रिसीविंग के अलावा वेब ब्राउजिंग की सुविधा उपलब्ध थी 2G नेटवर्क को मुख्य रूप से ध्वनि सेवाओं और धीमे डाटा संचरण के लिए बनाया गया था।
2G नेटवर्क का विकास – 
2.5G (GPRS) – यह नेटवर्क 2G और 3G नेटवर्क के बीच का नेटवर्क था| वर्ध डाटा संचरण क्षमताओ से युक्त सेल्यूलर सेवाएं 2.5जी कहलाती हैं । यह नेटवर्क हमें केवल बेतार अनुप्रयोग प्रोटोकॉल मल्टी मीडिया मैसेजिंग सर्विस ईमेल तथा वर्ल्ड वाइड वेब एक्सेस जैसे इंटरनेट संचार सेवाओ के समान सेवाओं की सुविधाएं ही प्रदान करता है ।
2.7G (EDGE) – 8पीएसके नेटवर्क की शुरुआत के साथ जीपीआरएस नेटवर्क ईडीजीई नेटवर्क में विकसित हुआ यह डिजिटल मोबाइल फोन प्रोद्योगिकी है इसकी शुरुआत 2003 में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में सिंगुलर (Cingular) द्वारा हुई और जीएसएम नेटवर्क को ईडीजीई नेटवर्क में परिवर्तित किया।
2जी नेटवर्क के लाभ – 
1. इसकी मदद से टेक्स्ट मैसेज पिक्चर मैसेज और मल्टीमीडिया मैसेज सर्विस ट्रांसफर करना संभव हो पाया।
2.धोखाधड़ी का बहुत कम हो गई।
3.बेहतर क्वालिटी और क्षमता।
3G नेटवर्क – पहला 3G नेटवर्क मई 2001 में जापान द्वारा ब्रांडेड FOMA में NTT DOCOMO के द्वारा शुरू किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार- 2000 ( international mobile telecommunication ) या ( IMT-2000 ) को 3G इंटरनेट की तीसरी पीढ़ी माना जाता है इसमें डाटा की स्पीड बढ़ कर 384 केबीपीएस से 2 एमबीपीएस के बीच हो गई थी 3G नेटवर्क में वॉइस कॉल के अलावा वीडियो कॉल की सुविधा भी उपलब्ध थी और इसके साथ साथ इसमें फाइल ट्रांसफर इंटरनेट ऑनलाइन टीवी, वीडियो कांफ्रेसिग, 3D गेमिंग और ईमेल सेंड, रिसीविंग जैसे फीचर भी शामिल थे 2G नेटवर्क के  मुकाबले 3G नेटवर्क अधिक सुरक्षित था 3जी तकनीक में अधिकतम डाउनलोड गति 21 एमबीपीएस और अपलोड गति 5.7 एमबीपीएस है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसने मोबाइल फोन के लिए एप्लीकेशन बनाने के रास्ता खोल दिया।
3G नेटवर्क के लाभ – 
1. इसमें 2G के मुकाबले अधिक सिक्योरिटी और उच्च स्पीड वेब सुविधा उपलब्ध है।
2.इसमें वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की सुविधा भी शामिल थी|
4जी नेटवर्क – 4जी तकनीक की शुरुआत साल 2007 में हुई लेकिन उस वक्त यह वायरलेस नेटवर्क पर टेस्ट किया गया था वर्ष 2008 में फौजी की एलटी आई तकनीक ने दस्तक दी 4G यानी चौथी जनरेशन अर्थात चौथी पीढ़ी पूरी तरह से आईपी पर आधारित है 4जी तकनीक के माध्यम से 100 एमबीपीएस से लेकर 1gbps की गति से डेटा डाउनलोड अपलोड किया जा सकता है इसमें एक सामान्य मूवी कुछ ही सेकंड में डाउनलोड हो जाती है यह तकनीक ग्लोबल वॉर्मिंग को सपोर्ट करती है और इसके सिक्योरिटी फीचर्स भी देखें 4जी तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह खराब से खराब नेटवर्क पर भी कम से कम 1 एमबीपीएस की गति प्रदान करता है।
4G के लाभ – 
1. इसमें हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा प्रदान होती है।
2.यह तकनीक ग्लोबल मोबिलिटी को सपोर्ट करता है।
3.इसमें मोबाइल मल्टीमीडिया की सुविधा भी प्राप्त होती है।
4.उपयोगिता को उच्च गुणवत्ता की ऑडियो और वीडियो की सुविधा प्राप्त होती है।
5G नेटवर्क – 5G बेतार मोबाइल फोन सेवा की पांचवी पीढ़ी है यह मोबाइल नेटवर्क की सबसे ज्यादा निक तकनीक है 5G टेक्नोलॉजी के बाद उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट का उपयोग करने के लिए डाटा की high-density मिलने लगेगी इस तकनीक पर मई 2013 से ही काम शुरू हो गया था 5G तकनीक वर्तमान 4G नेटवर्क से बेहतर अनुभव प्रदान करने का वादा कर रही है यह पूरी तरह वॉयरलैस कम्युनिकेशन है जिसमें लिमिटेशन लगभग ना के बराबर है इस तकनीक में बड़े पैमाने पर डेटा का आदान-प्रदान होता है 5G की अधिकतम स्पीड अभी तय नहीं की गई है  क्योंकि अभी इस पर काम चल रहा है |र उम्मीद है कि 2021 के अंत तक यह तकनीक उपयोग में आनी  शुरू होगी यह तकनीक अभी भारत में नहीं है लेकिन अन्य देशों में इसका उपयोग होने लगा है।
5जी नेटवर्क के लाभ – 
1. एचडी क्वालिटी टीवी प्रोग्राम की सुविधा
2.पिछली जनरेशन के बजाय तीव्र डाटा ट्रांसमिशन की सुविधा।
3.ऑडियो और वीडियो कॉलिंग में अधिक स्पष्टता ।
MOBILE SERVICE GENERATION
आशा है की इस पोस्ट को पढने के बाद आप जान गए होगे की मोबाइल सर्विस की पीढ़िया कोन कोन सी है और हमें उनसे क्या क्या लाभ है |

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