What is cloud computing with example: क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है Benefits of Cloud Computing in Hindi

क्लाउड कम्प्यूटिंग – इसका दूसरा नाम मेघ संगणना है लेकिन वास्तविकता में यह इंटरनेट आधारित प्रक्रिया और कंप्यूटर एप्लीकेशन का इस्तेमाल है क्लाउड कंप्यूटिंग का सबसे अच्छा उदाहरण गूगल ही है जिस प्रकार वेब होस्टिंग के क्षेत्र में क्लाउड का उपयोग कर के नई प्रकार की वेब होस्टिंग सेवा के लिए क्लाउड होस्टिंग प्रस्तुत की गई हैं ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर के क्षेत्र में एप्लीकेशन के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग हुआ है क्लाउड कंप्यूटिंग कंप्यूटर की एक सेवा है क्लाउड कंप्यूटिंग भी मोबाइल कंप्यूटर की तरह है इस पोस्ट में हम जानेगे की  क्लाउड कंप्यूटिंग और इसके लाभ क्या है

क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में सीधे और सरल शब्दों में कहा जाए तो सॉफ्टवेयर पर प्रोग्राम कंप्यूटर नोटबुक या लैपटॉप में स्थाई रूप से संगत रहती थी लेकिन अब इन क्लाउड कंप्यूटिंग की मदद से हम उन्हें वेबपेज अर्थात ऑनलाइन भी यूज कर सकते हैं और हम बहुत से सॉफ्टवेयर प्रोग्राम ऑफलाइन भी यूज कर सकते हैं

क्लाउड कंप्यूटिंग शब्द का उपयोग सबसे पहले शैक्षणिक उपयोग में प्रोफेसर रामनाथ K. चेलाप्पा ने किया था क्लाउड कंप्यूटिंग एक प्रकार की नई तकनीक अर्थात टेक्नोलॉजी है इसकी वजह से ही हम बड़े-बड़े सॉफ्टवेयर ऑनलाइन ही वेव पेजों  पर देख सकते हैं और उनका आसानी से उपयोग कर सकते हैं |
cloud computing
क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार – क्लाउड कंप्यूटिंग की सेवाओं के आधार पर इसे दो अलग-अलग तरीकों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है
1. डिपलायमेंट के आधार पर
2. क्लाउड सर्विसेज के आधार पर
A. डिप्लायमेंट के आधार पर क्लाउड कंप्यूटिंग – इस आधार पर क्लाउड कंप्यूटिंग चार प्रकार की होती हैं
1. प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग – इस तरह की क्लाउड कंप्यूटिंग में सर्विसेज और नेटवर्क प्राइवेट क्लाउड पर स्टोर किए जाते हैं और इसमें कोई भी यूजर क्लाउड स्टोरेज को एक दूसरे के साथ शेयर नहीं कर सकते हैं इसका सबसे अच्छा उदाहरण गूगल ड्राइव है जिसमें यूजर का डाटा सुरक्षित रहता है क्योंकि गूगल ड्राइव में यूजर अपनी ईमेल आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करता है।
2. पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग – पब्लिक क्लाउड हर व्यक्ति के लिए उपलब्ध रहते हैं और यह क्लाउड प्रोवाइडर के द्वारा मैनेज किए जाते यही एकदम फ्री सर्विसेज होती हैं इसलिए यह कम सुरक्षित मानी जाती हैं ओर इसका उपयोग हर कोई कर सकता है
3. हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग – हाइब्रिड क्लाउड ऑनकउड को कहते हैं जिनमें पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड दोनों क्लाउड उपलब्ध रहते हैं जैसे किसी वेबसाइट या साइट पर कुछ सामग्री साधना की अभी फ्री होती है जबकि कुछ सर्विसेज पेड़ होती हैं जिनके लिए क्यों रजिस्टर्ड यूजर उसका उपयोग कर पाते हैं इसके बहुत से उदाहरण हैं लेकिन यूट्यूब एक अच्छा और लोकप्रिय उदाहरण है इसमें हमें बहुत कुछ फ्री मिलता है लेकिन कुछ विशेष प्रकार की सामग्री के लिए हमें युटुब प्रीमियम का सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता है
4. कम्युनिटी क्लाउड कंप्यूटिंग – इस प्रकार की क्लाउड सर्विस में केवल किसी संगठन की सदस्य उसका उपयोग कर सकते हैं और कोई बाहरी इंसान उसका उपयोग नहीं कर सकता है जैसे उदाहरण के लिए किसी यूनिवर्सिटी द्वारा कोई वेबसाइट बनाई गई है तो इसका उपयोग केवल उस यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्र ही कर सकते हैं
B. क्लाउड सर्विसेज के आधार पर क्लाउड कंप्यूटिंग – क्लाउड के द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्विस के आधार पर क्लाउड कंप्यूटिंग तीन प्रकार के होते हैं
1. बुनियादी संरचना एक सेवा के रूप में
2. प्लेटफार्म एक सेवा के रूप में
3. सॉफ्टवेयर एक सेवा के रूप में
1.  Infrastructure as a services ( Iaas ) – 
इस क्लाउड सर्विस की सेवा में क्लाउड कंप्यूटिंग या पावर सॉफ्टवेयर स्टूडेज नेटवर्क पावर और बाकी सारा कंट्रोल उपयोगकर्ता के पास होता है इसका ज्यादा उपयोग बिजनेस के लिए इस्तेमाल होता है बुनियादी संरचना एक शिवा का सबसे अच्छा उदाहरण बीपीएसए यानी वर्चुअल प्राइवेट सर्वर
2. Platform as a services ( Paas ) – 
इसमें केवल उपयोगकर्ता को एक प्लेटफार्म ही दिया जाता है जिसमें स्टोरेज अ कंप्यूटर में पावर दोनों में से एक हो सकती है इस तरह की क्लाउड सर्विस सेवा में यूजर का कोई कंट्रोल नहीं रहता इसमें इसमें क्लाउड प्रोवाइडर का पूरा कंट्रोल रहता है इसके कुछ उदाहरण निम्न है जैसे जीमेल रीडेड याहू आदि।
3. Software as a services (Saas ) – 
इस तरह की क्लाउड सर्विस सेवा में यूजर को केवल एक सॉफ्टवेयर ही मिलता है जो रिमोट सर्वर पर हॉस्टल रहता है इसका उपयोग छोटे बिजनेस के काम में लिया जाता है जैसे गूगल फोन गूगल डॉक्स या कोई गूगल साइट्स आदि इसके प्रमुख उदाहरण है
Cloud computing के उदाहरण – वैसे तो आज के समय में क्लाउड कंप्यूटिंग के हजारों उदाहरण पड़े हुए हैं लेकिन कुछ पॉपुलर और लोकप्रिय उदाहरण हम आपको बताते हैं –
1. Instagram – आज के समय में बहुत लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफार्म बना हुआ है और इस पर अरबों लोगों की प्रोफाइल डाटा और फोटो वीडियो आदि अपलोड हैं ऐसे में इतना ढेर सारा डाटा इकट्ठा रखना बहुत बड़ा मुश्किल काम है इसलिए यह क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं और ढेर सारा डाटा इसमें सुरक्षित रखते हैं
2. Facebook – यह भी लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है इसमें और वह लोगों की प्रोफाइल डाटा मौजूद है ऐसे में ढेर सारा डाटा कोई खट्टा रखने के लिए बड़ी मुश्किल होती है लेकिन फेसबुक भी इतने ढेर सारे डेटा कोई खट्टा रखने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करता है और अपने डाटा को सुरक्षित एकत्रित रखता है
3. YouTube – यह आज के समय का प्रसिद्ध और लोकप्रिय वीडियो शेयरिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है और लोग इससे ऑनलाइन रुपए भी कमा रही हैं पिछली साल 2020 में कैरीमिनाटी द्वारा चलाए गए टिक टॉक वर्सेस यूट्यूब से यूट्यूब और भी लोकप्रिय हो गया है जिससे रोजाना यूट्यूब पर लाखों वीडियो अपलोड होते हैं जिससे ढेर सारे डेटा को इकठ्ठा रखने में मुश्किल पड़ती है इसलिए यूट्यूब भी क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करता है और अपने डाटा को एकत्रित रखता है और सुरक्षित रखता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभ –

1. इसमें हमें ज्यादा स्टोरेज उपलब्ध होती है इसमें हमारा पूरा डाटा क्लाउड  पर स्टोर रहता है इसमें हम अपनी मर्जी के अनुसार अपनी स्टोरेज को बढ़ा सकते हैं जैसे गूगल फोटोज हमें अलग से स्टोरेज उपलब्ध कराता है
2. इसका सबसे अच्छा फायदा यह है कि इसमें स्टोर किया गया डाटा हम कहीं से भी और किसी भी डिवाइस में एक्सेस कर सकते हैं और हमारा डाटा सुरक्षित रखता है
3. क्लाउड कंप्यूटिंग में हमें कम पैसों में अच्छा स्टोरेज स्टोर उपलब्ध होता है जैसे हैं 25 जीबी डाटा के लिए स्टोरेज चाहिए तो हम 25जीबी स्टोरेज के रुपए चूका  कर उतनी स्टोरेज ऑनलाइन ही खरीद सकते हैं इसके लिए हमें 500 जीबी की हार्ड डिक्स लेने की कोई जरूरत नहीं है।
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आशा है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप क्लाउड कंप्यूटिंग को अच्छी तरह से समझ गए होंगे और जान गए होगे कि हमारी दैनिक लाइफ में क्लाउड कंप्यूटिंग का क्या क्या महत्व है ।

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