कंप्यूटर की विशेषता | Characteristics of Computer in Hindi - shripalblog

कंप्यूटर की विशेषता | Characteristics of Computer in Hindi

हेल्लो दोस्तों नमस्कार ! आज की इस पोस्ट में आपका हार्दिक स्वागत है । अगर आप एक कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट्स है या फिर आप किसी एग्जाम की तैय्यारी कर रहे है तो आज की इस पोस्ट में बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में चर्चा करेंगे । आज की इस पोस्ट में हम कंप्यूटर की विशेषता के बारे में जानेंगे । तो चलिए यह पोस्ट शुरू करते है और जानते है की डिजिटल कंप्यूटर की क्या क्या विशेषताएं है –

कंप्यूटर की विशेषता

जैसा की आप जानते है की कंप्यूटर निर्देशों पर कार्य करने वाली एक मशीन है, यह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस अर्थात मानव मष्तिष्क की तरह सोचने एवं समझने की क्षमता नहीं है, जितने निर्देश इसे दिए जाते है उतना ही वह कार्य करता है इसके बावजूद भी इसकी विशेषताओं को नाकारा नहीं जा सकता जिनके कारन यह मानव जाती के कार्य क्षेत्र में सहायक की भूमिका निभा रहा है । कंप्यूटर की प्रमुख विशेताएँ निम्न है –

  • गति
  • शुद्धता
  • संचयन क्षमता
  • स्वचालन
  • अनवरतता /सक्षमता
  • व्यापक उपयोगिता
  • संग्रहण क्षमता
  • विश्वसनीयता

कंप्यूटर की विशेषताएं

1. गति (Speed) – इसकी सबसे पहली विशेषता इसकी गति है जिसने आज पूर्व के गणनाओं को भी सम्भव बना दिया है। बड़ी से बड़ी गणनाएँ ये सेकण्ड के कुछ बराबर समय में कर सकते हैं। एक शक्तिशाली कम्प्यूटर 3-4 मिलियन सरल गणनाएँ प्रति सेकण्ड कर सकता है। रेल्वे आरक्षण, हवाई आरक्षण की जानकारी लेना हो, डाटा व्यवस्थित करना हो, बैक में अपना बैलेंस देखना हो, किसी व्यक्ति विशेष की जानकारी चाहिए हो, नतीजा तुरन्त हाजिर । मौसम से सम्बन्धित सही वक्त पर सही भविष्यवाणी कम्प्यूटर की
गति की वजह से ही सम्भव है।

2. शुद्धता (Accuracy) – परिणामों की शुद्धता इसकी दूसरी प्रमुख विशेषता है। यांत्रिक गड़बड़ी के अतिरिक्त इसके परिणामों में पायी जाने वाली अशुद्धता कम्प्यूटर की नहीं, बल्कि उस पर कार्य करने वाले व्यक्ति/उपयोगकर्ता की होती है। ये गलत प्रोग्राम या अशुद्ध आँकड़ों की वजह से होती है।

3. संचयन क्षमता (Storage) – संचयन क्षमता को दूसरे शब्दों में याद रखने की शक्ति कह सकते हैं। मानव मस्तिष्क में भी शायद सारी जानकारियाँ संचय करने की क्षमता
नहीं है एवं समय के साथ-साथ वह भूलने जैसी गलती भी कर बैठता है, लेकिन कम्प्यूटर को दी जाने वाली सारी सूचनाएँ इसकी द्वितीयक मेमोरी की क्षमता की वजह से एक बार एकत्र कर देने के पश्चात् उसे उसी शुद्धता एवं गति से पुनः कभी भी प्राप्त किया जा सकता है।

4. स्वचालन (Automation) – एक बार यदि गलती रहित निर्देशों एवं डाटा को कम्प्यूटर मेमोरी में डाल दिया जाये तो यह स्वतः एक के बाद एक बिना किसी मानवीय सहायता के निर्देशों के अनुरूप कार्य करता जाता है जब तक कि वांछित परिणाम प्राप्त न हो जाये।

5. अनवरतता / सक्षमता (Diligence) – कम्प्यूटर की एक बड़ी विशेषता है इसके लगातार काम करते रहने की सक्षमता। मानव की तरह कभी यह थकान या बोरियत अनुभव नहीं करता एकाग्रता में कमी लाए बिना यह बड़ी से बड़ी गणनाएँ या कार्य लगातार एक- सी शुद्धता एवं गति से करता रहता है।

6. व्यापक उपयोगिता (Versatility)  या एक साथ कई कार्य करने की क्षमता – कम्प्यूटर किसी एक विशेष कार्य से बंधे हुए नहीं रहते तथा अलग-अलग विशेषज्ञता क्षेत्र वाले व्यक्तियों के लिए समान रूप से उपयोगी होते हैं। जैसे कि ऑफिस में ये किसी क्षण यदि कर्मचारियों के वेतन बनाने में व्यस्त है तो अगले ही क्षण वह अन्य कार्य जैसे अकाउण्टिंग या इनवेनटरी से सम्बन्धित कार्य या जरूरी ऑफिस पत्र तैयार करने में सक्षम है। अत: कम्प्यूटर बिना किसी एक विशेषज्ञता वाले क्षेत्र के हर क्षेत्र में कोई भी कार्य करने में सक्षम हैं। बरातें उसे दिये जाने वाले कार्य एक निश्चित तार्किक क्रम (प्रोग्राम) के रूप में दिये जाये ।

7. संग्रहण क्षमता – कंप्यूटर जितनी तेजी से कार्य करता है उतनी ही तीव्र गति से डेटा स्टोर कर सकता है और उसे उपलब्ध भी कराता है इसकी स्टोर  क्षमता उसकी मेमोरी पर निर्भर करती है।

8. विश्वासनियता – कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणाम हमेशा शुद्ध वा सही होते हैं इसमें गलतियों की संभावना नहीं होती है क्योंकि कंप्यूटर दिए गए निर्देश के अनुसार कार्य करता है ।

कंप्यूटर की सीमाएँ

जिस प्रकार कंप्यूटर की विशेषता है उसी प्रकार कंप्यूटर की कुछ निश्चित सीमाए होती है , कंप्यूटर की सीमाए निम्न होती है –

  • व्यावहारिक ज्ञान एवं बुद्धिमत्ता की कमी
  • अचेतन
  • निर्देशों पर निर्भरता
  • स्वतः सुधार करने में अक्षम
  • टास्क परफॉर्म करने की क्षमता
  • वायरस से खतरा
  • कंप्यूटर सोच नहीं सकता
  • विद्युत पर निर्भरता
  • हैंग होने की समस्या
  • किसी लॉजिक में Error नहीं ढूंढ सकता
  • नई चीजें सीखने में असमर्थ

 

1. व्यावहारिक ज्ञान एवं बुद्धिमत्ता की कमी- कम्प्यूटर दिये गए कार्यों को सिर्फ निर्देशों के क्रमानुसार ही तीव्रता एवं शुद्धता से कर सकता है। इसमें व्यावहारिक ज्ञान एवं बुद्धिमत्ता की कमी होती है। उदाहरण के लिए जैसे यदि किसी व्यक्ति एवं कम्प्यूटर को दो व्यक्तियों की आयु दें 20 एवं -15 एवं पूछे कि दोनों में से कौन कम आयु का है तो व्यक्ति तुरन्त पूछेगा कि किसी व्यक्ति की आयु ऋणात्मक कैसे है, जबकि कम्प्यूटर उत्तर देगा -15 ।

2. अचेतन- कम्प्यूटर में चेतना का अभाव होता है वह मनुष्य की तरह अनुभव नहीं कर सकता। अनुभव, ज्ञान एवं चेतनता के आधार पर मनुष्य कई तरह के फैसले ले सकता है।

3. निर्देशों पर निर्भरता – कम्प्यूटर अपने आप कोई फैसले नहीं ले सकता न ही अपने आप कोई अतिरिक्त सूचना दे सकता है यह सिर्फ दिये गये निर्देशों के अनुरूप ही कार्य करता है।
4. स्वतः सुधार करने में अक्षम-कम्प्यूटर द्वारा सूचनाएँ प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि उसे सही-सही निर्देश ही दिए जाएँ वह स्वतः दिए गए निर्देश की छोटी से छोटी गलती भी सुधारने में असमर्थ है।

FAQ’s

1. कंप्यूटर की सीमायें कौन कौन सी होती है ?

कंप्यूटर की अनेको सीमाये होती है जो आपको इस लेख में बताई गयी है ।

2. कंप्यूटर की विशेषताए लिखिए ?

कंप्यूटर की अनेको विशेषताएं है और इस लेख में आपको कंप्यूटर की विशेताओ के बारे में ही बताया गया है ।

3. कंप्यूटर के पितामह कहे जाते है ?

चार्ल्स बेबेज

4. निर्देशों के समूह को क्या कहते है ?

प्रोग्राम

5. बेसिक कंप्यूटर भाषा किस पीढ़ी में आई ?

तृतीय पीढ़ी में

आज आपने सीखा

आशा है की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी और अब आप जान गए होंगे की कंप्यूटर की विशेषता क्या-क्या होती है और कंप्यूटर की सीमाए क्या-क्या है । अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कोई परेशानी है तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं हम और हमारी टीम आपकी मदद जरुर करेगी । धन्यवाद

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