Computer – कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है। आज का युग कंप्यूटर का युग है आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर का समावेश है। बड़े पैमाने पर गणना करने वाले इलेक्ट्रॉनिक संयंत्र को कंप्यूटर कहते हैं। कंप्यूटर का हिंदी नाम संगणक है। अर्थात कंप्यूटर यह युक्ति जिसके द्वारा स्वचालित रूप से विविध प्रकार के आंकड़ों को संसाधित एवं संचयित किया जाता है। वर्तमान स्वरूप का पहला कंप्यूटर मार्क-1 था जो 1937 ई. में बना था। तो आज की इस पोस्ट में हम जानेगे की कंप्यूटर क्या है और इसके भाग तथा इसकी भाषा कोन-कोन सी है तथा कंप्यूटर का इतिहास क्या है |
Introduction of Computer – कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा कंप्यूट से हुई है जिसका अर्थ गणना या गिनती करना होता है कंप्यूटर से सभी अक्षरों का अलग-अलग अर्थ निकलता है।
Computer ka ful form kya hai ?
वैसे तो कंप्यूटर का कोई खास फुल फॉर्म नहीं होता लेकिन काल्पनिक रूप से इस का फुल फॉर्म होता है जो निम्न है –
Table of Contents
कंप्यूटर क्या है ? ( What is Computer in Hindi )
कंप्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो दिए गए डाटा को स्टोर कर प्रोसेसिंग कर दिए गए निर्देश के अनुसार परिणाम आउटपुट के रूप में यूजर को प्रदान करता हैं। कंप्यूटर का कुछ बेसिक नॉलेज निम्न है
डेटा – जो भी हम कंप्यूटर में स्टोर करते हैं वह डाटा कहलाता है। अथवा शब्द, अंक, पैराग्राफ आदि के समूह को डाटा कहते है।
इनपुट – कीबोर्ड द्वारा हम कंप्यूटर को जो प्रेषित करते हैं उसे इनपुट कहते हैं।
आउटपुट – प्रोसेसिंग होने के बाद जो परिणाम हमे प्राप्त होता है उसे आउटपुट कहते हैं।
प्रोसेसिंग – कीबोर्ड द्वारा डाटा इनपुट करने के बाद आउटपुट मिलने तक के बीच में जो प्रोसेस अर्थात प्रक्रिया होती है उसे प्रोसेसिंग कहते हैं।
कंप्यूटर के कार्य लिखिए है ?
कंप्यूटर के प्रमुख तकनीकी कार्य चार प्रकार के होते हैं जो निम्न है –
- आंकड़ों का संकलन या निवेशन करना |
- आंकड़ों का संचयन करना ।
- आंकड़ों का संसाधन और
- आंकड़ों या प्राप्त जानकारी का निर्गमन या पुननिर्गमन जिसे हम आम भाषा में इनपुट या आउटपुट कहते हैं।
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्या है? ( What is Hardware and Software in Hindi )
हार्डवेयर – कंप्यूटर और उसमें संलग्न सभी यंत्रों और उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है। इसके अंतर्गत केंद्रीय संसाधन, विकास आंतरिक, स्मृति बाह्य, स्मृति निवेश एवं निर्गम एकक आदि आते हैं।
सॉफ्टवेयर – कंप्यूटर के संचालन के लिए निर्मित प्रोग्रामों को सॉफ्टवेयर कहा जाता है। इनकी कंप्यूटर में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
कंप्यूटर की भाषाएं –
कंप्यूटर की भाषा को निम्न तीन वर्गों में बांटा जा सकता है मशीनी कूट भाषा, असेंबली कूट भाषा, उच्चस्तरीय भाषाएं ।
मशीनी कूट भाषा ( Machine Code Language ) – इस भाषा में प्रत्येक आदेश के 2 भाग होते हैं आदेश कोड ( Operation Code ) तथा स्थिति कोड ( Location Code ) इन दोनों को 0 और 1 के क्रम में समूहहित कर व्यक्त किया जाता है। कंप्यूटर के आरंभिक दिनों में प्रोग्राम वालों द्वारा कंप्यूटर को आदेश देने के लिए 0 तथा 1 के विभिन्न क्रमो का ही प्रयोग किया जाता था यह भाषा समयग्राही थी, जिसके कारण असेंबली एवं उच्च स्तरीय भाषाओं का प्रयोग किया जाने लगा।
असेंबली भाषा ( Assembly Language ) – इस भाषा में याद रखे जाने लायक कोड का प्रयोग किया गया, जैसे नेमोनिक कोड कहा गया । जैसे Addition के लिए Add , Subscription के लिए Sub एवं Jump के लिए Jmp लिखा गया । परन्त इस भाषा का प्रयोग एक निश्चित समझने वाले कंप्यूटर की सीमित था अतः इन भाषाओं को निम्न स्तरीय भाषा कहा गया।
उच्च स्तरीय भाषाएं ( High Level Language ) – उच्च स्तरीय भाषाओं के विकास का श्रेय आईबीएम IBM कंपनी को जाता है। FORTRAN नामक पहले उच्च स्तरीय भाषा का विकास इसी कंपनी के प्रयास से होगा इसके बाद सैकड़ों क्षेत्रीय भाषाओं का विकास हुआ एवं भाषाएं मनुष्य के बोलचाल रखने में प्रयुक्त होने वाली भाषाओं के काफी करीब हैं।
कंप्यूटर के विभिन्न भाग ( Parts of Computer ) –
सीपीयू (CPU) – इसका पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होता है। यह सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का संक्षिप्त रूप है इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है।
रैम (RAM) – इसका पूरा नाम रेंडम एक्सेस मेमोरी होता है। यह रेंडम एसेस मेमोरी का संक्षिप्त रूप है। सामान्य भाषा में इसे कंप्यूटर की याददाश्त कहा जाता है रैम की गणना मेगाबाइट्स से होती है।
रोम (ROM) – इसका पूरा नाम लिख ओनली मेमोरी होता है। यह रीड ओनली मेमोरी का संक्षिप्त रूप है। यह हार्डवेयर का वह भाग है जिसमें सभी सूचनाएं स्थाई रूप से खट्टा रहती हैं और जो कंप्यूटर को प्रोग्राम संचालित करने का निर्देश देता है।
मदरबोर्ड (Motherboard) – यह सर्किट बोर्ड होता है जिसमें कंप्यूटर के प्रत्येक प्लग लगाए जाते हैं सीपीयू रैम आदि यूनिट मदरबोर्ड में हीं संयोजित रहती हैं।
हार्ड डिस्क ( Hard Disk) – इसमें कंप्यूटर के लिए प्रोग्रामों को स्टोर करने का कार्य होता है।
फ्लॉपी डिस्क ड्राइव ( Flopy Disk Drive ) – यह सूचनाओं को सुरक्षित करने या सूचनाओं का एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में आदान-प्रदान करने में प्रयोग होता है।
सीडी रोम ( CD Rom ) – सीडी रोम यानी कंपक्ट डिस्क छोटे से आकार में होते हुए भी बहुत बड़ी मात्रा में आंकड़ों एवं चित्रों को ध्वनियों के साथ संग्रहित करने में सक्षम होता है।
की बोर्ड ( Key Board ) – कंप्यूटर की लेखन प्रणाली के लिए उपयोग में लाया जाने वाला उपकरण कीबोर्ड कहलाता है सामान्यतः 101 की बोर्ड परीक्षा माना जाता है।
माउस ( Mouse) – इसकी सहायता से स्क्रीन पर कंप्यूटर के विभिन्न प्रोग्रामों को ऐसे के माध्यम से संचालित किया जाता है।
मॉनिटर ( Monitor ) – इस पर कंप्यूटर में निहित जानकारियों को देखा जा सकता है अच्छे रंगीन मॉनिटर में 256 रंग आते हैं मॉनिटर डॉटपिच का उपयोग होता है डॉटपिच पर जितने कम नंबर होते हैं, स्क्रीन पर उभरने वाली छवि उतनी ही साफ और गहराई के लिए होती है।
साउंड कार्ड ( Sound Card ) – यह जरूरी बातें और जानकारियों को सुनने के साथ-साथ मल्टीमीडिया के बढ़ते प्रयोग के लिए आवश्यक है।
प्रिंटर ( Printer ) – इसकी मदद से कंप्यूटर पर अंकित आंकड़ों को कागज पर मुद्रित किया जाता है। डॉट मैट्रिक्स, इंक जेट, बबल जेट और लेजर जेट प्रमुख प्रिंटर हैं।
कंप्यूटर का इतिहास ( History of Computer ) –
Computer का इतिहास काफी पुराना नहीं है कंप्यूटर को आधुनिक खोज माना जाता है Computer का इतिहास 3000 वर्ष पुराना है कंप्यूटर में सबसे पहले चीनी विद्वानों ने गणना करने के लिए Abacus नामक यंत्र बनाया था। यह यंत्र बच्चों को गिनती सिखाने के काम में आता था एक लकड़ी के फ्रेम में कई मानक स्टैंडर्ड लगे होते थे। जिनमें कांच या उससे अधिक मानक लगे होते थे जिनको खिसका कर अंक गणितीय गणना की जाती थी जैसे जोड़, घटाना, गुणा, भाग आदि। सन 1645 में ब्लेज पास्कल ( Vlaise Pascal ) नामक युवक ने विश्व का प्रथम यांत्रिक कंप्यूटर बनाया जिसका नाम Pascelien रखा गया। यह एक प्रकार से पहली मैकेनिकल केलकुलेटर मशीन थी जिसमें जोड़, घटाना, गुणा, भाग हो सकता था इससे प्रेरित होकर Leibnitz ने केलकुलेटर बनाया जो वर्गमूल ज्ञात करने में उपयोगी था।
सन 1833 में ब्रिटेन के गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने diffrencial तथा analytical इंजन विकसित किया। डिफरेंशियल सन 1822 में तथा एनालिटिकल 1833 में विकसित किया गया जिसमें आधुनिक Computer के समान गुण थे इसलिए डॉक्टर चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है।
कंप्यूटर की विशेषताएं ( Characteristics of Computer ) –
Speed – Computer किसी भी कार्य को तेज गति से कर सकता है कंप्यूटर का सबसे ज्यादा महत्त्व उसके तेज गति से कार्य करने के कारण होता है वह वह कार्य जिसे पूरा करने में कोई व्यक्ति एक महीना 1 दिन का टाइम लेता है उसी कार्य को कंप्यूटर कुछ ही मिनटों में पूरा कर देता है कंप्यूटर की स्पीड का संबंध कंप्यूटर द्वारा किए जाने वाले प्रोसेसिंग प्रक्रिया से होता है सामान्यता कंप्यूटर की स्पीड माइक्रोसेकंड नैनो सेकंड, पीकोसेकंड में ज्ञात करना पड़ता है कंप्यूटर के तेज गति से कार्य करने के कारण हमें मौसम की जानकारी 24 घंटे पहले ही मिल जाती है।
शुद्धता एवं विश्वासनियता – कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणाम हमेशा शुद्ध वा सही होते हैं इसमें गलतियों की संभावना नहीं होती है क्योंकि कंप्यूटर दिए गए निर्देश के अनुसार कार्य करता है अतः हम कह सकते हैं कि कंप्यूटर कभी कोई गलती नहीं करता है यदि यूजर द्वारा गलत डेटा या निर्देश दिया जाता है तो कंप्यूटर उसे भी सही मानकर गणना करता है जिससे हमें गलत परिणाम प्राप्त होता है और कभी-कभी हार्डवेयर खराब होने पर हमें प्राप्त होता है परंतु कंप्यूटर उसके बारे में सूचित करता है।
स्वचालन – कंप्यूटर द्वारा अपना सारा कार्य लगभग स्वयं करता है परंतु कंप्यूटर अपना कार्य इतनी तेज गति से करता है कि हमें समय का अंदाजा नहीं लग पाता किसी भी प्रोग्राम को संग्रह कर या स्टोर कर उसे बार-बार यूज किया जा सकता है कंप्यूटर एक के बाद एक दिए गए निर्देश के अनुसार हम रिजल्ट प्रदान करता है।
संग्रहण क्षमता – कंप्यूटर जितनी तेजी से कार्य करता है उतनी ही तीव्र गति से डेटा कुछ तो कर सकता है और उसे उपलब्ध भी कराता है इसकी स्टार क्षमता उसकी मेंमोरी पर निर्भर करती है।
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आशा है की यह पोस्ट आपको अच्छी तरह से समझ में आ गयी होगी और अब जान गये होगे की Computer क्या है और कंप्यूटर का इतिहास क्या है इन सबके बारे में आप अच्छी तरह से जान गये होगे |
FAQ’s
- कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता है ?
Ans – चार्ल्स बैबेज ( Charles bebbege )
- कंप्यूटर का इतिहास कितने वर्ष पुराना है ?
Ans – 3000 वर्ष पुराना
- कंप्यूटर में सबसे पहले गन्ना कहने के लिए चीनी विद्वानों ने कौन सा यंत्र बनाया ?
Ans – चीनी विद्वानों ने abacus नामक यंत्र बनाया
- abacus यंत्र किस चीज का बना हुआ था ?
Ans – लकड़ी का
- चार्ल्स बैबेज ने कौन से दो इंजन बनाए ?
Ans – डिफरेंशियल एंड एनालिटिकल ( diffrencial and analitical )
- कंप्यूटर में bug किसे कहा जाता है ?
Ans – कंप्यूटर अशुद्धि को ही bug कहा जाता है
- विश्व के प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर का नाम क्या हैं ?
Ans – एनीयक
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