हेलो दोस्तों इस पोस्ट में आपका स्वागत है| आज की इस पोस्ट में हम जानेगे की क्रिया विशेषण किसे कहते है और क्रिया विशेषण कितने प्रकार के होते है तथा क्रिया विशेषण के उदाहरण और परिमाणवाचक विशेषण तथा परिमाणवाचक क्रिया विशेषण में अंतर | तो चलिए शुरू करते है –
क्रिया विशेषण किसे कहते है ? ( Adverb in Hindi )
जिस शब्द से क्रिया की विशेषता जानि जाती है, अर्थात वे शब्द जो क्रिया की विशेषता का बोध कराते है उसे क्रिया विशेषण कहते है |
क्रिया विशेषण के उदाहरण
- भीतर चलकर बैठो, वही बातचीत करेगे |
- जहा तुम कल गये थे, में वहा आज जा रहा हु |
- में ऊपर गया तो वह नीचे चली आई |
- वह दिन भर सोता है |
- वह बाहर बैठा है |
- में उसे कहाँ-कहाँ दूढ़ता फिरा |
- शेर जोर-जोर से दहाड़ रहा था।
- खूब पढ़ो और पर्याप्त सफलता प्राप्त करो
- वह मुझसे अधिक दौड़ा
- उतना खाओ जितना पचा सको।
- में फिर कभी आऊग़ी|
- राधा प्रतिदिन पढ़ती है |
- बर्फ निरंतर पढ़ी रही है |
- वह ध्यान पूर्वक पड़ता है
- वह चुपके चुपके रो रही थी
- राधा अचानक रो पड़ी|
क्रिया विशेषण की परिभाषा
क्रिया विशेषण के भेद – ( kinds of adverb in Hindi )
क्रिया विशेषण के मुख्यतः चार भेद होते है जो निम्न है –
- स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
- कालवाचक क्रिया-विशेषण
- रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
स्थानवाचक क्रिया विशेषण किसे कहते है ?
जो क्रिया विशेषण क्रिया में होने वाले कार्य का स्थान बतलाता है , उसे स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहते है जैसे – बहार, भीतर, यंहा, वहा, पास, इस ओर, ऊपर, नीचे आदि | स्थानवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण है |
स्थानवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
(क) वह बाहर बैठा है |
(ख) में उसे कहाँ-कहाँ दूढ़ता फिरा |
(ग) भीतर चलकर बैठो, वही बातचीत करेगे |
(घ) जहा तुम कल गये थे, में वहा आज जा रहा हु |
(घ) में ऊपर गया तो वह नीचे चली आई |
कालवाचक क्रिया विशेषण किसे कहते है ?
जो क्रिया विशेषण क्रिया के होने वाले कार्य का समय बतलाते है अर्थात जो क्रिया विशेषण क्रिया के समय का बोध कराते है, उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते है |
कालवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
(क) वह दिन भर सोता है |
(ख) में फिर कभी आऊग़ी|
(ग) राधा प्रतिदिन पढ़ती है |
(घ) बर्फ निरंतर पढ़ी रही है |
कालवाचक क्रिया विशेषण के भेद –
कालवाचक क्रिया विशेषण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है –
- समयसूचक
- अवधिसूचक
- बारम्बारता-सम्बन्धी
रीतिवाचक क्रिया विशेषण किसे कहते है ?
जिन क्रिया विशेषणों से क्रिया के संपन्न अर्थात पूर्ण होने की रीति अर्थात ढंग का बोध होता है उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- वह ध्यान पूर्वक पड़ता है
- वह चुपके चुपके रो रही थी
- राधा अचानक रो पड़ी
- शेर जोर-जोर से दहाड़ रहा था।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण के प्रकार
- प्रकार वाचक
- निश्चय वाचक
- अनिश्चयवाचक
- प्रश्नवाचक
- कारण वाचक
- निषेधवाचक
परिमाण वाचक क्रिया विशेषण किसे कहते है ?
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- खूब पढ़ो और पर्याप्त सफलता प्राप्त करो
- वह मुझसे अधिक दौड़ा
- उतना खाओ जितना पचा सको।
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण के भेद –
- न्यूनतावाचक
- अधिकता वाचक
- पर्याप्तता वाचक
- तुलनावाचक
- श्रेणी वाचक
‘परिमाणवाचक विशेषण’ और ‘परिमाणवाचक क्रिया विशेषण’ में अंतर
क्रम | परिमाणवाचक विशेषण | परिमाणवाचक क्रिया विशेषण |
1.
2. 3. 4. |
मेले में बहुत जनता आयी |
मेरे पास थोडा रुपया बचा है| उसके पास पर्याप्त धन है | वहां काफी लोग बैठे थे | |
व्यक्तियों ने बहुत खाया |
थोडा व्यायाम भी कर लिया करो | मैंने पर्याप्त पढ़ लिया है | काफी सो चुके, अब उठो | |
निष्कर्ष –
आशा है की यह पोस्ट आपको अच्छे से समझ में आई होगी और अब आप जान गए होंगे की क्रिया विशेषण किसे कहते है और यह कितने प्रकार के होते है | अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कोई प्रॉब्लम है तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताये हम आपकी मदद जरुर करेगे |