kavya kise kahate hain | खंडकाव्य, महाकाव्य परिभाषा

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काव्य का स्वरुप

हेलो दोस्तों हमारे इस blog में आपका स्वागत है | आज की इस पोस्ट में हम जानेगे की काव्य किसे कहते है ? ( kavya kise kahate hain ) और यह कितने प्रकार के होते है तथा काव्य के कितने गुण होते है | महाकाव्य तथा खंडकाव्य किसे कहते है और इनमे क्या अंतर होता है तो चलिए शुरू करते है

काव्य किसे कहते है ? ( Poetry in hindi )

समस्त भाव प्रधान साहित्य को काव्य कहते हैं । अर्थात जो उदित ह्रदय में कोई भाव जागृत कर दे या उसे प्रस्तुत वस्तु या तथ्य की मार्मिक भाषा में लीन कर दे वह काव्य है |

kavy ke prakar

काव्य की परिभाषा

आचार्य विश्वनाथ के अनुसार – रसात्मक वाक्यम काव्यम अर्थात रसपूर्ण वाक्य ही काव्य है। अर्थात काव्य ह्रदय को आनंदित करता है |

काव्य के लक्षण

  1. काव्य अंतर स्पर्शी या यथार्थ होता है।
  2. कब अभी व्यंजक तथा आनंददायक होता है।

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काव्य के गुण

काव्य के तीन प्रमुख गुण होते है –

  1. माधुर्य
  2. ओज
  3. प्रसाद

माधुर्य गुण की परिभाषा

मधुरता के भाव को माधुर्य कहते है | जिस काव्य को सुनने से मन आनंदमय हो जाये तथा कानो में मधुरता का आभास हो, उसे माधुर्य गुण की संज्ञा दी जाती है | यह गुण मुख्य रूप से श्रृगार, शांत एवं करुण रस में पाया जाता है |

माधुर्य गुण का उदाहरण –

कंकन – किंकन नुपुर धुनी सुनि |                                                                                                                                                         कहत लखन सन राम ह्रदय गुनि |

प्रसाद गुण की की परिभाषा

प्रसाद का अर्थ है – निर्मलता या प्रसन्नता | अर्थात जिस काव्य को पढ़ते या सुनते समय ह्रदय पर छा जाये अर्थात ह्रदय में वह बात लिप्त हो जाये और मन खिल जाए उसे प्रसाद गुण कहते है |

प्रसाद गुण का उदाहरण –

तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर                                                                                                                                                                   प्रभु मेरा जीवन हो सुन्दर |

ओज गुण की परिभाषा –

जिस काव्य रचना को सुनने से मन में उत्तेजना पैदा होती है उस कविता में ओज गुण होता है |वीर रस इस गुण का प्रमुख रस होता है |

ओज गुण का उदाहरण –

महलों ने दी आग, झोपड़ियो में ज्वाला सुलगाई थी                                                                                                                                           वह स्वतन्त्रता की चिंगारी, अंतरतम से आई थी |

काव्य के भेद

  1. श्रव्य काव्य
  2. द्रश्य काव्य

 

श्रव्य काव्य किसे कहते हैं?

 

वह छंद मई रचना जिसका आनंद सुनकर या पढ़ कर लिया जाता है उसे श्रव्य काव्य कहते हैं। जैसे – रामचरितमानस

दृश्य काव्य किसे कहते हैं?

 

जिस गद्य – पद्यमयी रचना का आनंद देखकर, सुनकर या पढ़कर लिया जाता है, उसे दृश्य काव्य कहते हैं|

दृश्य काव्य के उदाहरण –

चन्द्रगुप्त नाटक

प्रबंध काव्य किसे कहते हैं?

वह काव्य रचना जो कथा सूत्रों या छंदों की तारतम्यता में अच्छी तरह निबद्ध हो, प्रबंध काव्य कहलाती है। यह श्रव्य काव्य का एक प्रमुख भेद है| प्रबंध काव्य के छंद एक कथा के धागे में माला की तरह गूथे होते हैं। इसमें कोई एक कथा क्रमबद्ध रूप से गठित होती है |

प्रबंध काव्य की विशेषताएं

  1. प्रबंध काव्य में जीवन की विभिन्न झांकियां प्रसंग आदि प्रस्तुत की जाती हैं।
  2. प्रबंध काव्य विस्तृत होता है।
  3. इसमें कोई एक कथा क्रमबद्ध रूप से गठित होती है।

प्रबंध काव्य के भेद

प्रबंध काव्य तीन प्रकार के होते है –

  1. महाकाव्य
  2. खंडकाव्य
  3. आख्यानक गीत |

महाकाव्य किसे कहते हैं ?

ऐसी पदबद्ध रचना जिसमें किसी महान व्यक्ति का पूर्ण रूप से वर्णन हो एवं इसका उद्देश्य महान हो महाकाव्य कहलाता है। प्रबंध काव्य का भेद महाकाव्य है| महाकाव्य एसी रचना को कहते हैं जिसमें कोई इतिहास – पुराण प्रसिद्ध कथावस्तु होती है| इसमें श्रृंगार, वीर तथा शांत रसों में कोई अंगी रस होता है तथा शेष रस गौण रूप में व्यंजित होते हैं।

महाकाव्य का उदाहरण –

  • रामचरितमानस
  • साकेत
  • कामायनी
  • पदमावत

महाकाव्य की विशेषताएं या लक्षण

  1. इसमें जीवन का संबंध चित्रण होता है
  2. इसकी कथा इतिहास प्रसिद्ध होती है
  3. इसका नायक महान और उदात्त चरित्र वाला होता है
  4. महाकाव्य में श्रृंगार वीर और शांत रस में से कोई एक रस प्रमुख रूप से होता है तथा अन्य मुख्य रस के सहयोगी होते हैं।
  5. प्रबंध काव्य में एआठ या अधिक सर्ग होते हैं

खंड काव्य किसे कहते हैं?

खंडकाव्य प्रबंध काव्य का एक भेद है इसमें जीवन की किसी एक घटना एवं मार्मिक अनुभूति का पूर्णता के साथ चित्रण किया जाता है खंडकाव्य जीवन का ना तो खंडित चित्र है ना महाकाव्य का अंश है यह सीमित आकार में स्वतः पूर्ण रचना है।

खंडकाव्य के उदाहरण –

  • पंचवटी
  • जयद्रथ वध
  • सुदामा चरित
  • मिलन
  • पथिक
  • नहुष

खंड काव्य की विशेषताएं या लक्षण

  1. खंडकाव्य में जीवन की किसी एक घटना या मार्मिक अंश का चित्रण होता है
  2. घटना के माध्यम से किसी आदेश के अभिव्यक्ति होती है
  3. इसका नायक प्रसिद्ध होता है
  4. संपूर्ण रचना एक ही छंद में होती है
  5. इसका प्रधान रस शांत या वीर रस होता है।

आख्यानक गीत काव्य किसे कहते हैं?

ऐसी ऐसी पदबंध रचना जिसमें एक लघु आख्यान अर्थात कथा वर्णित होती है तथा जिसके छंदों में गेयता होती है उसे आख्यानक गीत कहते हैं।

आख्यानक गीत काव्य के उदाहरण

  • नरसी जी को माहेरो मीरा द्वारा रचित
  •   झांसी की रानी सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित।

मुक्तक काव्य किसे कहते हैं?

वह काव्य रचना जिसमें कथा नहीं होती तथा प्रत्येक छंद पूर्व पद के प्रसंग से मुक्त होता है मुक्तक काव्य कहलाता है।

मुक्तक काव्य की परिभाषा

मुक्ता का काव्य सी रचना को कहते हैं जिसमें कथा नहीं होती और जिसके छंद अर्थ की दृष्टि से पूर्वापर के प्रसंगों से मुक्त होते हैं।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार मुक्तक काव्य की परिभाषा प्रबंध काव्य आदि विस्तृत वनस्थली है तो मुक्तक एक चुना हुआ गुलदस्ता।
उदाहरण – मुक्तक काव्य का सर्वोत्तम उदाहरण है बिहारी की सतसई ।

मुक्तक काव्य के भेद

  1. पाठ्य मुक्तक
  2. गेय मुक्तक

पाठ्य मुक्तक काव्य किसे कहते हैं?

विभिन्न विषयों पर विचार प्रधान रचनाओं का संग्रह पाठ्य मुक्तक श्रेणी में आता है इनमें भावों की अपेक्षा विचारों का प्रधान होता है कबीर तुलसी एवं रहीम की नीति संबंधित दोहे तथा बिहार एवं मतिराम के श्रृंगारपरक दोहे पाठ्य मुक्तक काव्य के उदाहरण हैं।

गेय मुक्तक काव्य किसे कहते हैं?

इन्हें प्रगीत भी कहा जा सकता है इनमें भावना एवं रागात्मकता की प्रधानता होती है| इन गेय पदों में संगीत की प्रधानता एवं कोमलकान्त पदावली होती है | कबीर, सूर, तुलसी, मीरा के गाए पद इसी श्रेणी में आते हैं आधुनिक युग के कवियों के प्रगीत भी उल्लेखनीय हैं|  इनमें निराला, प्रसाद, पंत एवं महादेवी वर्मा के नाम उल्लेखनीय हैं।

गेय मुक्तक काव्य की विशेषताएं

  1. गियर मुक्तक को आसानी से गाया जा सकता है
  2. मुक्तक संगीत या लय के आधार पर लिखे जाते हैं।
  3. इन्हें गीतिकाव्य भी कहा जाता है।

चम्पू काव्य किसे कहते है ?

गद्द-पद्द मिश्रित काव्य चम्पू काव्य कहलाता है, अर्थात वह काव्य जिसमे गद्द पद्द दोनों एक साथ होते है चम्पू काव्य कहते है | जैसे मैथलीशरण गुप्त का ‘यशोधरा’ काव्य |

संकृत का प्रथम महाकाव्य कौन है ?

‘रामायण’ संस्कृत का पहला महाकाव्य है जो महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित है |

FAQ

1. काव्य के कितने भेद होते है ?

दो

2. आधुनिक काल के दो महाकाव्यों के नाम लिखिए ?

प्रिय प्रवास तथा साकेत

3. काव्य गुण कितने प्रकार के होते है ?

तीन

निष्कर्ष

आशा है की यह पोस्ट आपको जरुर समझ में आई होगी और अब आप जान गये होंगे की काव्य किसे कहते है kavya kise kahate hain और यह कितने प्रकार के होते है | तथा खंडकाव्य और महाकाव्य में क्या होते है और इनमे क्या अंतर होता है |